Children get education of Moral story in Hindi. . We post all types of Moral Stories in Hindi to make children successful.
दुकान के सामने एक चाय बेचने वाले रामू काका रहते थे। वाह यह सब देख कर वहां आए और पूछा आप इसे क्यों मार रहे हैं।दुकानदार ने कहा यह चोरी करके भाग रहा है। रामू काका उस बच्चे की तरफ देखें तो उन्हें उस पर दया आ गई। उन्होंने उस दवाई के पैसे दुकानदार को दिए और दवाई बच्चे को दे दी।
बच्चा दवाई लेकर वहां से चला गया। रामू काका चाय बेचकर जो भी कमाते उसमें से जो भी जरूरतमंद आते वे उन्हें दे देते थे। रामू काका गरीब थे लेकिन उनके पास जो कुछ होता था। वह अपने गरीब भाइयों में उनकी जरूरत के हिसाब से दे देते थे। इसी तरह धीरे-धीरे समय बीतता गया। अब रामू काका बूढ़े हो चुके थे।
एक दिन हुआ चाय की दुकान पर चाय बेचते हुए बेहोश हो जाते हैं।
जब उनका बेटा यह सुनता है तो वहां जाकर उन्हें हॉस्पिटल ले जाता है। वहां पर डॉक्टर बोलते हैं कि उनका ऑपरेशन करना होगा जिसके लिए ₹500000 की जरूरत पड़ेगी। रामू काका का बेटा सोचता है कि पिताजी ने जो चाय बेचकर कमाया उसे वह जरूरतमंदों को दे देते थे।
अब हमारे पास इतना पैसा नहीं है अब पिताजी का इलाज कैसे होगा। यह सोचते सोचते वह वही हॉस्पिटल में सो जाता है। और जब उसकी अगली सुबह नींद खुलती है तो उसके पास एक रसीद मिलती है जिस पर ऑपरेशन का पैसा जमा होता है। यह देख कर वह सोचने लगता है कि इतने सारे पैसे किसने दिए होंगे।
मेरे पास तो इतने सारे पैसे नहीं थे फिर किसने यह पैसे दिए। यह पता लगाने के लिए वह रसीद लेकर हॉस्पिटल के काउंटर पर पहुंचा। तब उसे वहां से पता लगा की यह सारा पैसा एक बड़े डॉक्टर ने दिया है।जब रामू काका ऑपरेशन हो गया और वह ठीक हो गए। तब वह डॉक्टर उनसे मिलने आया उस डॉक्टर को देखकर रामू काका उनका धन्यवाद करने लगे।
तब डॉक्टर ने कहा के शुक्रिया अदा तो मुझे आपको कहना चाहिए।
यह सुनकर रामू काका परेशान हो गया। डॉक्टर ने कहा शायद आप मुझे पहचाने नहीं मैं वही हूं जो उस दिन उस दुकान के पास से दवा चुरा कर भाग रहा था । जब मैं पकड़ा गया तब आपने उस दवा को खरीद कर मुझे दिया था।
जिससे मेरी मां की जान बची थी। आपकी अच्छाई ने ही आपकी जान बचाई है। आपकी की गई अच्छाइयों को भगवान ने आपकी जान के तौर पर आपको लौटा दी है।
एक छोटू नाम का लड़का था। वह दीपावली के दिन कूड़ेदान में कुछ खोज रहा था । उस कूड़ेदान में कुछ मिठाइयों के डब्बे फेंके थे। शायद वह उसमें बची खुची मिठाइयां खाने के लिए खोज रहा था। क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे तो वह मिठाईयां कहां से खरीदता।
फिर वहां वहां से चला जाता है और वह कुछ बच्चों को पटाखे जलाते देखता है। तो उसे भी पटाखे चलाने का मन करता है पर उसके पास खाने को पैसे नहीं थे तो वह पटाखे कहां से खरीदे। वह जिन बच्चों के पास जाता वह बच्चे उसे भगा देते थे। वह सोचता काश मेरे पास भी नए कपड़े होते मैं भी पटाखे चलाता ।
यह सब सोचता हुआ वह फिर आगे जाता है तो उसे एक कपड़े की दुकान मिलती है। दुकान के सामने पुतले पर अच्छे कपड़े पहना कर खड़े किए गए होते हैं। यह देखकर वह अपने फटे पुराने कपड़ों को देखता है। और सोचता है कि काश मैं भी इंसान की जगह पुतला होता तो अच्छे कपड़े पहनता ।
तभी वहां से एक आदमी जा रहा था वह उस लड़के को बार-बार पुतले को देखते देख कर वह समझ जाता है । उसे कपड़े चाहिए वह आदमी उसे वह कपड़ा ला कर देता है। तो लड़का बहुत खुश हो जाता है। और वह आदमी से बोलता है कि मुझे भूख लगी है।
वह आदमी उसे खाना खिलाता है और कुछ पटाखे खरीद के देता है।
गरीब की नियत (Any Moral Stories In Hindi)
Any Moral Stories In Hindi For Kids |
एक गांव में दवाई की दुकान थी। उस दुकान पर एक दिन एक लड़का आया और उसने दुकानदार से कुछ दवाइयां मांगी और उसे लेकर भागने लगा। दुकानदार उसे भागता देख कर चोर चोर हल्ला करने लगा और उसे पकड़ लिया। पकड़ने के बाद दुकानदार कहने लगा चोर कहीं का चोरी करता है यह कहते हुए दुकानदार ने दवाई छीन ली और उसे मारने लगा।
दुकान के सामने एक चाय बेचने वाले रामू काका रहते थे। वाह यह सब देख कर वहां आए और पूछा आप इसे क्यों मार रहे हैं।दुकानदार ने कहा यह चोरी करके भाग रहा है। रामू काका उस बच्चे की तरफ देखें तो उन्हें उस पर दया आ गई। उन्होंने उस दवाई के पैसे दुकानदार को दिए और दवाई बच्चे को दे दी।
बच्चा दवाई लेकर वहां से चला गया। रामू काका चाय बेचकर जो भी कमाते उसमें से जो भी जरूरतमंद आते वे उन्हें दे देते थे। रामू काका गरीब थे लेकिन उनके पास जो कुछ होता था। वह अपने गरीब भाइयों में उनकी जरूरत के हिसाब से दे देते थे। इसी तरह धीरे-धीरे समय बीतता गया। अब रामू काका बूढ़े हो चुके थे।
एक दिन हुआ चाय की दुकान पर चाय बेचते हुए बेहोश हो जाते हैं।
जब उनका बेटा यह सुनता है तो वहां जाकर उन्हें हॉस्पिटल ले जाता है। वहां पर डॉक्टर बोलते हैं कि उनका ऑपरेशन करना होगा जिसके लिए ₹500000 की जरूरत पड़ेगी। रामू काका का बेटा सोचता है कि पिताजी ने जो चाय बेचकर कमाया उसे वह जरूरतमंदों को दे देते थे।
अब हमारे पास इतना पैसा नहीं है अब पिताजी का इलाज कैसे होगा। यह सोचते सोचते वह वही हॉस्पिटल में सो जाता है। और जब उसकी अगली सुबह नींद खुलती है तो उसके पास एक रसीद मिलती है जिस पर ऑपरेशन का पैसा जमा होता है। यह देख कर वह सोचने लगता है कि इतने सारे पैसे किसने दिए होंगे।
मेरे पास तो इतने सारे पैसे नहीं थे फिर किसने यह पैसे दिए। यह पता लगाने के लिए वह रसीद लेकर हॉस्पिटल के काउंटर पर पहुंचा। तब उसे वहां से पता लगा की यह सारा पैसा एक बड़े डॉक्टर ने दिया है।जब रामू काका ऑपरेशन हो गया और वह ठीक हो गए। तब वह डॉक्टर उनसे मिलने आया उस डॉक्टर को देखकर रामू काका उनका धन्यवाद करने लगे।
तब डॉक्टर ने कहा के शुक्रिया अदा तो मुझे आपको कहना चाहिए।
यह सुनकर रामू काका परेशान हो गया। डॉक्टर ने कहा शायद आप मुझे पहचाने नहीं मैं वही हूं जो उस दिन उस दुकान के पास से दवा चुरा कर भाग रहा था । जब मैं पकड़ा गया तब आपने उस दवा को खरीद कर मुझे दिया था।
जिससे मेरी मां की जान बची थी। आपकी अच्छाई ने ही आपकी जान बचाई है। आपकी की गई अच्छाइयों को भगवान ने आपकी जान के तौर पर आपको लौटा दी है।
ज्ञान की बात......
1. जितना तुम दूसरे को देते हो उससे कहीं ज्यादा तुम्हें भगवान देते हैं।
2. अच्छे कर्म करते रहिए।
1. जितना तुम दूसरे को देते हो उससे कहीं ज्यादा तुम्हें भगवान देते हैं।
2. अच्छे कर्म करते रहिए।
गरीब बच्चे की चाहत (Any Moral Stories In Hindi)
एक छोटू नाम का लड़का था। वह दीपावली के दिन कूड़ेदान में कुछ खोज रहा था । उस कूड़ेदान में कुछ मिठाइयों के डब्बे फेंके थे। शायद वह उसमें बची खुची मिठाइयां खाने के लिए खोज रहा था। क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे तो वह मिठाईयां कहां से खरीदता।
फिर वहां वहां से चला जाता है और वह कुछ बच्चों को पटाखे जलाते देखता है। तो उसे भी पटाखे चलाने का मन करता है पर उसके पास खाने को पैसे नहीं थे तो वह पटाखे कहां से खरीदे। वह जिन बच्चों के पास जाता वह बच्चे उसे भगा देते थे। वह सोचता काश मेरे पास भी नए कपड़े होते मैं भी पटाखे चलाता ।
यह सब सोचता हुआ वह फिर आगे जाता है तो उसे एक कपड़े की दुकान मिलती है। दुकान के सामने पुतले पर अच्छे कपड़े पहना कर खड़े किए गए होते हैं। यह देखकर वह अपने फटे पुराने कपड़ों को देखता है। और सोचता है कि काश मैं भी इंसान की जगह पुतला होता तो अच्छे कपड़े पहनता ।
तभी वहां से एक आदमी जा रहा था वह उस लड़के को बार-बार पुतले को देखते देख कर वह समझ जाता है । उसे कपड़े चाहिए वह आदमी उसे वह कपड़ा ला कर देता है। तो लड़का बहुत खुश हो जाता है। और वह आदमी से बोलता है कि मुझे भूख लगी है।
वह आदमी उसे खाना खिलाता है और कुछ पटाखे खरीद के देता है।
और आपसे भी निवेदन है कि आप भी ऐसे बच्चों की सहायता करें।यह छोटी छोटी चीज है उन बच्चों की ख्वाहिश होती है। तो आप अभी दीपावली या किसी अन्य त्योहार के समय या कभी भी ऐसे बच्चों की सहायता जरूर करें।
ज्ञान की बात.......
1. गरीब की सहायता करें
2. गरीबी सब कुछ करवा सकती है।
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1. गरीब की सहायता करें
2. गरीबी सब कुछ करवा सकती है।
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1 टिप्पणियाँ
Nice story
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