Short Moral Stories In Hindi For Class 10th:- Here I am sharing 8 short moral stories of education in Hindi for children ,which is very valuable and gives your children good education in life, which helps your children to understand the world, that's why I am sharing with you.
यहाँ मैं कक्षा 10 वीं के बच्चों के लिए हिंदी में शिक्षा की 10 लघु नैतिक कहानियाँ साझा कर रहा हूँ जो बहुत मूल्यवान है और आपके बच्चों को जीवन में अच्छी शिक्षा देती है, जो आपके बच्चों को दुनिया को समझने में मदद करती है, इसीलिए मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ।
यहाँ मैं कक्षा 10 वीं के बच्चों के लिए हिंदी में शिक्षा की 10 लघु नैतिक कहानियाँ साझा कर रहा हूँ जो बहुत मूल्यवान है और आपके बच्चों को जीवन में अच्छी शिक्षा देती है, जो आपके बच्चों को दुनिया को समझने में मदद करती है, इसीलिए मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ।
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कृष्ण पुर गांव की बात है। एक मालिका नाम की औरत अपने पति और बेटे और बहू के साथ रहती थी। एक दिन पति का देहांत हो जाता है तब सारी जिम्मेदारी बेटे पर आ जाती है। बेटे के पास कोई नौकरी ना होने के कारण बेटा परेशान हो जाता है।
1. भिखारिन बनी गायिक In Hindi Moral Short Story For Class 10
#moral-stories-in-hindi-for-class-10 |
एक दिन उसकी पत्नी ने कहा चलो हम शहर चलते हैं वहां तुम्हें कोई काम जरूर मिल जाएगा। बेटा और बहू अगली सुबह शहर जाने लगते हैं बेटा अपनी मां मालिका से बोलता है। मा काम की तलाश में शहर जा रहा हूं। और दोनों वहां से मालिका को छोड़कर शहर चले जाते हैं।
बहुत दिन बीत जाते हैं पर उनका कोई पता नहीं चलता और मालिका के पास भी कुछ खाने को नहीं रहता। इसलिए मालिका लोगों से भीख मांगना शुरू कर देती है। पर उसे ढंग से खाने तक को नहीं मिल पाता था वह गाने की शौकीन थी। और अच्छा गाती थी।
तो मालिका लोगों को गाना सुना कर भीख मांगने लगी तो उसे खाने-पीने को मिल जाता था। और लोगों को उसका गाना बहुत पसंद आता था लोग उसका गाना सुनने आते थे। एक दिन जब वह रेलवे स्टेशन पर गा रही थी तब एक डायरेक्टर ने उसका गाना सोना।
और उसके पास गया और बोला माताजी आप बहुत अच्छा गाती हैं क्या आप मेरी फिल्म में गाएंगे। डायरेक्टर मालिकों को लेकर मुंबई गया और अपने फिल्म में गाने दिए। जब गाना रिलीज हुआ तब बहुत लोगों ने गाना की सराहना की और गाना सुपरहिट हो गया।
अब मालिका हार टीवी चैनल न्यूज़ चैनल पर छा गई। क्या देख कर उसकी बहू के मन में लालच आ गया। उसके बेटे से बोली आखिर मां जी का इस दुनिया में हमारे सिवा कौन है। चलो माजी के पास चलते हैं दोनों जब मालिका के घर आए तब उन्हें बॉडीगार्ड ने उनसे मिलने से मना कर दिया।
पर मालिका अपने बेटे की आवाज सुनकर दौड़ती हुई बाहर आई और गले से लगा लिया। बहू और बेटे को अपनी गलती का एहसास हो गया । मा फिर भी उन्हें अपना ली क्योंकि मां तो मां होती है।
शिक्षा.......
1. माता पिता को छोड़कर नहीं जाना चाहिए
2. मां का प्यार अनमोल है।
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2. भिखारी बना अमीर Story In Hindi For Class 10
एक शहर में एक छोटा बिजनेसमैन रहता था उसका काम अच्छा चल रहा था। वह रोज अपने शहर से दूसरे शहर बिजनेस के बस से जाता था। एक दिन वह बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था तब वहां पर एक भिखारी आया।
और बोला कई दिनों से भूखा हूं मुझे कुछ खाने के लिए पैसे दे दो भगवान आपका भला करेगा। छोटा बिजनेस मैन बोला तुम्हें भीख मांगने के सिवा कोई काम नहीं है क्या। अगर मैं तुम्हें पैसे दूंगा तो तुम बदले में क्या दोगे।
भिखारी बोला मेरे पास तो देने को कुछ नहीं है पर मैं इसके बदले आपको दुआ दे सकता हूं। बिजनेस मैन बोला नहीं चाहिए तुम्हारी दुआ मेरा बिजनेस अच्छा चल रहा है। यह बोल कर वहां से चला गया तब भिखारी सोचने लगा।
बात तो सही है मेरे पास देने को कुछ भी नहीं है तभी उसे सामने कुछ फूल के पेड़ दिखाई दिए। वह उन फूलों को तोड़ कर चल दीया अब उसे जो लोग पैसे देते उन्हें वह फूल देता। जब लोगों को भूल लेने लगा तो उसे पैसा देने में नहीं हिचकीचाते थे।
अब वह उन पैसों से कुछ अच्छे फूल खरीदता और उसे भेजता। ऐसा करते करते वह अब फूल का अच्छा खासा बिजनेस खोल देता है। एक दिन वह छोटा बिजनेस मैन वही से गुजर रहा था और बड़ा परेशान था। भिखारि जो फूल का बिजनेस कर रहा है। उसे देख कर उसके पास जाता है।
और कहता है आपने मुझे पहचाना नहीं छोटा बिजनेस मैन बोला नहीं भाई आप कौन हो। फूल वाला बोला कोई बात नहीं बड़े परेशान लग रहे हो। छोटा बिजनेस मैन बोला हां भाई बिजनेस में लॉस हो गया है। भगवान के मंदिर जा रहा हूं उनसे दुआ करने शायद कोई चमत्कार हो जाए।
फूल वाला बोला है फूल लेते जाओ भगवान को समर्पित करना।
छोटा बिजनेस मैन बोला भाई मेरे पास सिर्फ ₹10 हैं पर मैं तुम्हें वह भी दे दूंगा। तो मैं इंटरव्यू के लिए नहीं जा पाऊंगा। तुम्हारे फूल के बदले देने की लिए मेरे पास कुछ नहीं है।
फूल वाला बोला मुझे इसके बदले पैसे नहीं चाहिए बस दुआ दे देना। उसकी बात सुनकर छोटे बिजनेसमैन को सारी बातें याद आ गई। उसे बहुत पछतावा हुआ और माफी मांगी। फिर पूछा तुम तो भिखारी थे फिर तुम फूल की इतने बड़े कारोबार कैसे करते हो।
फूलों वाला बोला आप नहीं तो बताया था के कोई अगर तुम्हें कुछ देता है तो उसके बदले उनसे भी कुछ देना चाहिए। तो मैं सबको भूल देना शुरु कर दिया और आज मैं फूलों का बिजनेस करता हूं। अगर आप भी ऐसे किसी व्यक्ति को भीख मांगते देखते हैं।
जो कुछ करने में समर्थ हो तो आप उसकी सहायता करें और बताएं। कि तुम कुछ काम धंधा करके पैसे कमाओ भीख क्यों मांगते हो। और उसे ऐसा करने में सहायता करें।
शिक्षा........
1. हर इंसान की सहायता करें।
2. काम करने मैं समर्थ व्यक्ति को भीख मांगने रोके
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3. ईमानदारी का इनाम Short Story In Hindi
बाबूलाल बोला बताइए जमींदार जी क्या काम है। जमींदार बोला हमारी एक नाव पेंट करनी है। बताओ कितना रुपए लोगे। बाबूलाल बोला एक नाव के 1500 रुपए लगते हैं। बाकी आप जो समझे। जमींदार बोला ठीक है नाव अच्छी पेंट करना। बाबूलाल जब नाव पेंट कर रहा था तब उसे नाव में एक छेद दिखाई दिया।
छेद को देकर बाबूलाल सोचने लगा कि अगर यह नाव पानी में गई तो डूब जाएगी। हमें पहले इस छेद को बंद कर देना चाहिए। और वह छेद को किसी तरह बंद किया। और फिर पेंट करके जमींदार को देखने के लिए बुलाया। जमींदार नाव को देखकर बहुत खुश हुआ। और बोला नाव तुमने बहुत अच्छा पेंट किया है।कल सुबह आकर पैसे ले जाना।
बाबूलाल और जमींदार अपने-अपने घर चले जाते हैं । अगली सुबह जमींदार का परिवार नाव लेकर घूमने चला जाता है। तभी जमींदार का नौकर वहां पर आता है और परिवार को ना देख कर जमींदार जी से परिवार के बारे में पूछता है। तब जमींदार जी बताते हैं कि वह लोग नाव से घूमने गए।
इस पर नौकर बोलता है नाव मैं तो छेद था। नाव डूब जाएगी। तभी उनका परिवार घूम का घर आ जाता है परिवार को देखकर जमींदार जी चैन की सांस लेते हैं। जमींदार समझ जाते हैं कि बाबूलाल ने हीं उस छेद को बंद किया है। बाबूलाल जब पैसे लेने आता है तब जमींदार उसे काम से अधिक पैसे देता है।
जब बाबूलाल पैसे गिनता है तो जमींदार जी से कहता है। शायद आपने गलती से हमें ज्यादा पैसे दे दिए हैं जमींदार जी कहते हैं नहीं तुम्हारे मेहनत के पैसे हैं। बाबूलाल बोलता है हमारी बात तो 1500 रुपए में हुई थी। यह तो 6000 है। तब जमींदार जी बोलते हैं। नाव के छेद को तुम ने बंद किया।
जिसके बारे में मुझे नहीं पता था। आज सुबह जब मेरा परिवार नाव ले के गया। तो वह डूब सकता था।पर तुम्हारे छेड़ बंद करने की वजह से हमारे परिवार की जान बची है। इसलिए तुम सारे पैसे ले लो। यह तुम्हारी मेहनत की कमाई है। बाबूलाल जमींदार जी को धन्यवाद दिया और खुशी से अपने घर चला गया।
शिक्षा.......
1. हमें अपना काम इमानदारी से करना चाहिए
2. इमानदारी का फल जरुर मिलता है।
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4. बड़ी शिक्षा In Hindi Stories For Class 10
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बहुत पुरानी बात है 2 दोस्त रहते थे जिनका नाम मोहन और रामू था। दोनों एक गुरुजी के पास शिक्षा ग्रहण करने गए जब वह शिक्षा ग्रहण करके घर आने लगे तब गुरु जी ने उन्हें बुलाया। और कहां तुम्हें घर जाने के लिए एक परीक्षा देना होगा जो भी इस परीक्षा में पास होगा। वह घर जाएगा जो परीक्षा में पास नहीं होगा वह घर नहीं जाएगा।
गुरुजी ने दोनों को एक एक कबूतर दिए और कहा इसे ऐसी जगह ले जाकर मारो जहां तुम्हें कोई ना देख रहा हो। मोहन और रामू दोनों कबूतर लेकर चल दिए रामू कबूतर लेकर एक गुफा मैं जाता है। और आसपास देखता है कोई नहीं होता तो वह कबूतर की गर्दन मरोड़ के मार देता है।
और गुरुजी के पास ले आता है और कहता है गुरु जी मैंने इसे ऐसी जगह मारा है जहां पर कोई नहीं था। अब तो मैं इस परीक्षा में पास हो गया तो मैं घर जा सकता हूं। गुरुजी बोले जब तक मोहन नहीं आ जाता तब तक मैं कोई फैसला नहीं सुनाऊंगा।
पूरा दिन बीत जाता है शाम होने लगती है तभी मोहन आता दिखाई देता है। मोहन आ के गुरु जी को सारी बात बताता है वह कहता है।गुरुजी मुझे ऐसी कोई जगह नहीं मिली जहां मुझे कोई नहीं देख सकता था। इसलिए मैं इस परीक्षा में फेल हो गया अब मैं घर नहीं जा पाऊंगा।
तभी गुरु जी कहते हैं मैं तुम्हें यही तो समझाना चाहता था और तुम काफी अच्छी तरीके से समझ चुके हो। गुरुजी राजू से कहते हैं तुम्हें अभी शिक्षा की जरूरत है राजू को भी लगने लगता है कि उसे भी शिक्षा की जरूरत है।
वाह गुरु जी की सारी बात समझ जाता है और शिक्षा ग्रहण करने के लिए रुक जाता है। गुरुजी मोहन को समझाते हैं की जब भी तुम कोई गलत काम करने जाओ तो एक बात हमेशा याद रखना कि तुम्हें कोई ना कोई देख रहा है।
इस बात का तुम्हें हमेशा डर रहना चाहिए तभी तुम कोई गलत काम करने से पहले 10 बार सोचोगे। मोहन शिक्षा ग्रहण करके अपने घर वापस चला जाता है।
शिक्षा.........
1. कोई भी गलत काम करने से पहले 10 बार सोच लेना चाहिए।
2. तुम्हारे हर गलत काम को कोई ना कोई देखता है।
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5. यमराज और मौत Short Moral Story In Hindi For Class 10
एक गांव में एक हरिया नाम का आदमी था उसे मौत से डर लगता था। वह सोचता था कि मौत पर विजय कैसे प्राप्त करूं। एक दिन उसके घर पर महात्मा आए। हरिया महात्मा जी की बहुत सेवा की जब महात्मा जी जाने लगे।
तो महात्मा जी ने हरिया से कहा मैं तुमसे बहुत खुश हूं मैं तुम्हें एक वरदान देना चाहता हूं। मांगो क्या वरदान मांगते हो हरिया बोला बाबा मुझे अमर होने का वरदान दे दो। महात्मा बोले मैं तुम्हें ऐसा वरदान नहीं दे सकता काफी सोचने के बाद हरिया बोला तो मुझे वरदान दीजिए।
मेरी खटिया पर जो भी बैठे हैं वह मेरी मर्जी के बगैर उठ ना सके।महात्मा जी उसे वरदान देकर चले गए। बहुत समय बीत गया एक दिन यमराज उसे लेने आए और हरिया से कहा। तुम्हारा समय पूरा हो गया है मैं तुम्हें लेने आया हूं। तभी हरिया को महात्मा का वरदान याद आया।
हरिया बोला आप पहली बार हमारे घर आए तो आइए पहले बैठकर आराम कीजिए उसके बाद चलते हैं। यमराज जैसे ही उसकी खटिया पर बैठे हरिया उठकर हंसने लगा। और बोला अब आप मेरी मर्जी के बगैर इस खटिया पर से नहीं उठ सकते।
यमराज बहुत उठने की कोशिश की पर नहीं उठ पाए हरिया उन्हें उस घर में बंद करके चला गया। जाकर अपने खेत पर रहने लगा एक दिन एक लोमड़ी आकर उसकी गाय को काटने लगी। जब वह हम उसे मरने लगा तो हरिया का मारते मारते डंडा टूट गया।
पर लोमड़ी को कुछ नहीं हुआ और भी जंगली जानवर गांव में घुस आए यह देख कर हरिया वहां से भागा और अपने पुराने घर में पहुंचा। जहां यमराज बंद थे वहां हरिया ने यमराज को सब कुछ बताया तब यमराज ने उसे समझाया। कि यह प्राकृतिक नियम है। अगर कोई नहीं मरेगा तो धरती पर बहुत सारे जीव जंतु हो जाएंगे।
धरती का बैलेंस बिगड़ जाएगा। इसलिए जो धरती पर आया है उसे जाना ही पड़ेगा। हरिया को यह बात समझ में आ गई और वह यमराज के साथ चलने को तैयार हो गया।
शिक्षा.......
1. मृत्यु सत्य है
2. मृत्यु प्राकृतिक का नियम
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6. आलसी बेटा For Class 10 Short Story In Hindi
किसी किसी गांव में एक अमीर साहूकार अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता था। उसके बेटे का नाम सुमित था उसका बेटा सुमित बहुत आलसी था। पर साहूकार बहुत मेहनती था वह रोज सुबह होने से पहले शिवजी के मंदिर जाता। उसके बाद वह अपने सारे कारोबार को देखने जाता पर उसका बेटा अलसी होने के कारण सुबह नहीं उठता था।
एक दिन साहूकार अपने बेटे को खेत पर ले जाने के लिए जगाने लगा। पर उसका बेटा नहीं उठा और बोला मुझे सोने दीजिए पिताजी। साहूकार उसकी आलस पन को देखकर बहुत दुखी होता था। धीरे धीरे अब साहूकार का तबीयत भी खराब होने लगा।
और एक दिन साहूकार का देहांत हो गया। साहूकार के देहांत हो जाने के बाद उसका बिज़नेस घाटे में चलने लगा। क्योंकि साहूकार का बेटा सुमित अपने आलस के कारण कारोबार की देखरेख नहीं कर पाता था। एक दिन सुमित अपने मां से कहता है। मां हमारे कारोबार में बहुत घाटा हो रहा है। और हमें इस कारोबार का कुछ भी पता नहीं है। मां बोली तुम अपने नाना के पास जाओ। तुम्हारे नाना को इस कारोबार के बारे में बहुत जानकारी हैं।
सुमित अगली सुबह अपने नाना के पास जाता है। और नाना जी को सारी बात बताता है। तब उसके नाना उसे कहते हैं की तुम्हें एक काम करना होगा। तुम्हें रोज सुबह सूर्य उगने से पहले उठ कर शिव मंदिर जाना होगा। और उसके बाद अपने सभी कारोबार को देखने जाना होगा।
यह तुम्हें रोज करना होगा। सुमित अपने नाना की बात मानकर अब रोज सुबह शिव मंदिर से अपने सभी कारोबार को देखने जाया करता था। यह देखकर कारोबार के मजदूर जो घोटाला कर रहे थे वह सोचने लगे की मालिक रोज यहां देखने के लिए आते हैं।
अब हमें घोटाला बंद कर देना चाहिए नहीं तो किसी दिन पकड़े जाएंगे। और सभी मजदूरों ने घोटाला करना बंद कर दिया और सुमित का कारोबार फिर से चल दिया। इससे सुमित बहुत खुश हुआ और अपने नाना जी को धन्यवाद देने गया। अब उसके नाना ने उसे कहा की तुम्हारे कारोबार में घाटा सिर्फ तुम्हारी आलस के कारण हो रहा था।
क्योंकि तुम्हारे मजदूर तुम्हारे कारोबार में घोटाला कर रहे थे।
अब तुम रोज अपना कारोबार देखने जाते हो इसकी डर से तुम्हारे मजदूरों ने घोटाला करना बंद कर दिया। यह सब जानकर सुमित ने कसम खाई के अब वह आलस कभी नहीं करेगा। अपना काम समय पर करेगा।
शिक्षा.......
1. हमें आलस नहीं करना चाहिए
2. अपना काम समय पर करना चाहिए
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7. चॉकलेट का पेड़ short story in hindi with moral
बहुत समय पहले किसी शहर में एक बहुत बड़ा घर था। उस घर में चिंकी और उसके मम्मी पापा रहते थे। उनके घर में एक शांति बाई नाम की नौकरानी काम करती थी। एक दिन शाम को चिंकी के पापा घर आए और चिंकी से बोले अगले हफ्ते तुम्हारा बर्थडे है बताओ तुम्हें क्या गिफ्ट चाहिए।
क्योंकि बोली इस बार हमें एक अलग गिफ्ट चाहिए। उसके पापा बोले बताओ बेटा तुम्हें क्या अलग गिफ्ट चाहिए।कोचिंग की बोली मैं इस बर्थडे में अपने फ्रेंड को बहुत बड़ी पार्टी देना चाहती हूं। चिंकी के पापा ने कहा ठीक है मैं तुम्हारे लिए एक बड़ी पार्टी का इंतजाम कर दूंगा। चिंकी की मम्मी भी शांति बाई से कहती है कि हम अपनी चिंकी का बर्थडे मना रहे हैं तुम भी अपने बच्चों को जरूर लेकर आना।
शांति बाई जब शाम को घर गए तो वह अपने बेटे गट्टू से बोली कि कल चिंकी का बर्थडे है और मालकिन ने तुम्हें बर्थडे पार्टी में बुलाया है। अगले दिन शांति बाई और उनका बेटा गुड्डू पार्टी में पहुंचे। इतनी बड़ी पार्टी देखकर गट्टू बोला इतनी बड़ी पार्टी तो मैंने जिंदगी में नहीं देखी। चिंकी ने केक काटा और सब ने केक खाया और कोल्ड ड्रिंक पिया फिर चिंकी रिटर्न गिफ्ट में सबको चॉकलेट दिया।
गट्टू को जब चॉकलेट मिला तब वह सोचने लगा कि आज तो मैंने बहुत कुछ खाया है। इसे कल खाऊंगा और अपनी मां के साथ घर वापस आ गया। अगले दिन जब वह स्कूल से आया तब उसे चॉकलेट की याद आई वह चॉकलेट खाने के लिए जैसे ही मुंह में डाला वैसे ही चॉकलेट बहुत अच्छा लगा तो वह सोचने लगा।
अगर मैं पूरा आज ही खा जाऊंगा तो कल क्या खाऊंगा। यह सोचकर वह बोला कि मैं इसे थोड़ा थोड़ा रोज खाऊंगा। कुछ दिन बाद उसके पास थोड़े ही चॉकलेट बचे। तो वह काफी उदास हो गया। वो रास्ते में चलते एक जामुन के पेड़ को देखता है। और सोचता है कि मैं भी एक चॉकलेट का पेड़ लगा सकता हूं। बस मुझे चॉकलेट को जमीन में डालकर उस पर पानी ही तो देना है।
ऐसा सोचकर वह घर पर जाता है और चॉकलेट को लेकर एक कट्ठा खनके उसमें डाल कर पानी डाल देता है। और मन ही मन खुश हो कर हंसने लगता है। तभी एक बुजुर्ग आदमी वहां से जा रहा होता है और उसे ऐसे हंसते हुए देख कर पूछता है क्या बात है बेटा तो गट्टू कहता है कि यहां पर मैं चॉकलेट का पेड़ होगा ।
मैंने इस गड्ढे में चॉकलेट डाला है। उसके बात सुनकर बुड्ढा आदमी उसे समझाता है। बेटा तुमने लालच के चक्कर में जो चॉकलेट तुम्हारे पास था वह भी तुमने खो दिया।
शिक्षा. - लालच बुरी बला है हमें लालच नहीं करना चाहिए।
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भगवान किसके दास होते हैं? top 10 moral stories in hindi
वृंदावन में एक भक्त को बिहारी जी के दर्शन नहीं हुए। लोग कहते कि अरे बिहारी जी सामने ही तो खड़े हैं। पर वह कहता कि भाई मेरे को तो नहीं दिख रहे! इस तरह 3 दिन बीत गए पर दर्शन नहीं हुए। उस भक्तों ने ऐसा विचार किया कि सबको दर्शन होते हैं और मेरे को नहीं होते तो मैं बड़ा पापी हूं कि ठाकुर जी दर्शन नहीं देते अतः मेरे को यमुना जी में डूब जाना चाहिए।
ऐसा विचार करके रात्रि के समय वह यमुना जी की तरफ चला। वहां यमुना जी के पास एक कोढ़ी सोया हुआ था। उसको भगवान ने स्वप्न में कहा कि अभी यहां पर जो आदमी आएगा उसके तुम पैर पकड़ लेना। उसकी कृपा से तुम्हारा कोढ़ दूर हो जाएगा वह कोढ़ी उठ कर बैठ गया जैसे ही वह भक्त वहां आया कोढ़ी ने उसके पैर पकड़ लिए और कहा कि मेरा कोढ़ को दूर करो।
भक्त बोला कि अरे मैं तो बड़ा पापी हूं ठाकुर जी मुझे दर्शन भी नहीं देते बहुत झंझट किया परंतु कोढ़ी ने उसको छोड़ा नहीं। अंत में कोढ़ी ने कहा कि अच्छा तुम इतना कह दो कि तुम्हारा कोढ़ दूर हो जाए। वह बोला कि इतनी हमारे में योग्यता नहीं है। कोड़ी ने जो बहुत आग्रह किया तब उसने कह दिया कि तुम्हारा कोढ़ दूर हो जाए।
ऐसा कहते ही क्षण मात्र में उसका कोढ़ दूर हो गया। तब उसने स्वप्न की बात भक्तों को सुना दी कि भगवान ने स्वप्न में मुझे ऐसा करने के लिए कहा था। यह सुनकर भक्तों ने सोचा कि आज नहीं मरूंगा और लौटकर पीछे आया तो ठाकुर जी के दर्शन हो गए। उसने ठाकुर जी से पूछा महाराज पहले आपने दर्शन क्यों नहीं दिए? ठाकुर जी ने कहा कि तुमने उम्र भर मेरे सामने कोई मांग नहीं रखी मेरे से कुछ नहीं चाहा अतः मैं तुम्हें मुंह दिखाने लायक नहीं रहा।
अब तुमने कह दिया कि इसका कोढ़ दूर कर दो तो अब मैं मुंह दिखाने लायक हो गया इसका क्या अर्थ हुआ जो कुछ भी नहीं चाहता भगवान उसके दास हो जाते हैं। सेवा करने वाला बड़ा हो जाता है और सेवा करवाने वाला छोटा हो जाता है।
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Disclaimer
India gayan - ऊपर दी गई कहानी का सत्यता से कोई तात्पर्य नहीं है यह सिर्फ बच्चों के लिए मनोरंजन और ज्ञान के लिए बनाया गया है यह किसी सत्य घटना से कोई संबंध नहीं रखता है
2 टिप्पणियाँ
Ye 1st no ki kahani hemesh reshmiya se kyu match horhi hai
जवाब देंहटाएंउसी की कहानी है।
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