आज हम आपको Top 10 moral Stories in hindi सुनाने जा रहे हैं। यह शिक्षा और मनोरंजन से भरी हुई है। यह Top 10 moral Stories in hindi पढ़ने से आपका मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान भी बढ़ेगा।
1. कर्मों का फल - Top 10 moral Stories in hindi
एक बार की बात है एक गाय जंगल में घास चरने गई। शाम ढलने वाली थी। तभी गाय ने देखा उसकी तरफ एक शेर दबे पांव आ रहा है। शेर को देखकर गाय इधर-उधर भागने लगी वह शेर भी उसके पीछे दौड़ने लगा।भागते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई कार उस तालाब के अंदर घुस गई।
शेर भी उसका पीछा करते करते हैं तालाब के अंदर घुस गया। तालाब में पानी अधिक नहीं था लेकिन उसमें कीचड़ ज्यादा था। जिससे दोनों धसने लगे। शेर गाय के पास होते हुए भी गाय को नहीं पकड़ पा रहा था।कुछ देर बाद गाय ने शेर से पूछा क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है।शेर ने बड़ा हंकार से कहा मैं तो जंगल का राजा हूं मेरा कोई मालिक नहीं मैं ही इस जंगल का मालिक हूं।
गाय ने कहा तुम्हारी इस शक्ति का यहां पर क्या उपयोग है। शेर बोला तुम भी तो फस गई हो तुम्हारी भी तो हालत मेरे जैसी है। गाय बोली बिल्कुल नहीं जब मेरा मालिक घर पर आएगा तो मुझे नहीं देखेगा तो मुझे ढूंढता हुआ यहां पर जरूर आएगा।और मुझे इस कीचड़ से निकाल कर घर ले जाएगा पर तुम्हें कौन लेकर जाएगा।
थोड़ी देर में एक आदमी वहां आया और गाय को निकाल कर घर ले जाने लगा।गाय और उसका मालिक दोनों शेर को निकालना चाहते थे। पर निकालने नहीं गए क्योंकि उनको अपनी जान का खतरा था। किसी पर निर्भर नहीं रहना अच्छी बात है पर मैं ही सब हूं। मुझे किसी के सहयोग की कोई आवश्यकता नहीं है। यही अहंकार हैैै
शिक्षा :- मैं ही सब हूं। ऐसे अहंकार सोच नहीं रखनी चाहिए।
2. अहंकार - Top 10 moral Stories
बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक मूर्तिकार रहता था।वह ऐसी मूर्तियां बनाता था जिसे देखकर लोगों को उनके जीवित होने का एहसास होता था। आस-पास के गांव में उसकी प्रसिद्धि थी। लोग उसके मूर्तिकला के कायर थे।इसलिए उस मूर्तिकार को अपनी कला पर बहुत घमंड था। जीवन के सफर में एक वक्त ऐसा भी आया जब उसे लगने लगा है कि वह मरने की कगार पर है।
अब वह ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह सकता तब वह यमदूत को भ्रमित करने के लिए एक योजना बनाई। वह हूबहू अपने जैसी 10 मूर्तियां बनाई। और खुद जाकर उन मूर्तियों के बीच बैठ गया। यमदूत जब उसे लेने आए तो एक जैसी 11 आकृतियों को देखकर दंग रह गए।वह पहचान नहीं पा रहे थे कि इनमे से असली मनुष्य कौन है।वह सोचने लगे अगर मूर्तिकार के प्राण नहीं ले सके तो सृष्टि का नियम टूट जाएगा।
अगर सत्य पर रखने के लिए इन मूर्तियों को तोड़ा गया तो कला का अपमान हो जाएगा। तब यमदूत को मनुष्य के सबसे बड़े दुर्गुण व्यवहार अहंकार को परखने का ख्याल आया। तब यमदूत बोला कितनी सुंदर मूर्तियां बनी है। पर इनमें एक कमी है। अगर इसका मालिक मेरे सामने होता तो मैं उसे इनकी कमियां बताता यह सुनकर मूर्तिकार का अहंकार जाग उठा उसने कहा मैंने अपना जीवन मूर्तियां बनाने में गुजार दिया भला मेरी मूर्तियों में क्या गलती हो सकती है। यमदूत बोला बस यही गलती कर गए तुम अपने अहंकार में बेजान मूर्तियां बोला नहीं करती और तुम बोल बैठे ।
शिक्षा :- अहंकार इंसान को दुख और परेशानी के सिवा कुछ नहीं देता है।
3. बुद्धिमान चायवाला - Top 10 Hindi moral Stories
एक गांव में मनीराम नाम का एक चाय बेचने वाला रहता था।वह बहुत गरीब था लेकिन बहुत दयालु और मदद करने वाला था। बेचारा अपनी चाय की दुकान पर चाय बेचता किसी तरह अपना घर चलाता। उसी में उसके फ्री में चाय पीने वाले दोस्त आ जाते हैं। और कुछ लाचार व असहाय व्यक्ति आ जाते तो वह उन्हें फ्री में चाय पिला देता । जिससे उसकी ज्यादा इनकम नहीं हो पाती थी इस सब से वह बहुत परेशान था।
एक दिन एक व्यक्ति उसकी चाय की दुकान पर आया और उससे मदद के लिए ₹500 मांगने लगा। बोला भाई मुझे आज ₹500 दे दो मैं तुम्हें कल लौटा दूंगा। मनीराम ने उसे उसे ₹500 दे दिए अगली सुबह वह व्यक्ति मनीराम को ₹600 वापस किया। यह देखकर मनीराम मनीराम उसे ₹100 वापस देने लगा। तब वह व्यक्ति बोला मनीराम भाई आपने मेरे जरूरत पे पैसे दे दिए थे।
इसलिए आप यह ₹100 एक्स्ट्रा मेरी तरफ से रख लो। मनीराम बहुत खुश हुआ और अपने घर जाकर अपनी पत्नी को सब कुछ बताया। पत्नी उसकी बहुत खुश हुई। फिर मनीराम सोचने लगा अगर मैं इसी तरह सबकी सहायता करूंगा। तो लोग मुझे एक्स्ट्रा पैसे देंगे। तो मेरी यह एक इनकम का सोर्स बन जाएगा।
अब वह लोगों की इसी तरह मदद करने लगा और लोग उसे एक्स्ट्रा पैसे देने लगे। अब मनीराम काफी अमीर हो गया था। और उसका उसके गांव में मान सामान भी काफी बढ़ गया था। गांव के सरपंच चुनने का टाइम आया तब लोगों ने उसके लाख मना करने पर भी उसे सरपंच बना दिया।
अब उसकी मनीराम और उसकी पत्नी खुशी खुशी रहने लगे।
शिक्षा........
1. आपका भाग्य आपको एक बार जरूर मौका देता है।
2. बुद्धिमानी से काम करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
4. खरगोश और कछुआ - Top 10 moral Story in hindi
एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहते थे। खरगोश को अपनी तेज रफ्तार पर बड़ा घमंड था। वह कछुए को हमेशा परेशान करता रहता था। और कछुआ उसे कुछ नहीं करता था। 1 दिन खरगोश ने कछुए को चैलेंज किया कि क्या तुम मुझसे दौड़ लगाओगे । अगर तुम दौड़ में जीतोगे तो मैं तुम्हें परेशान करना छोड़ दूंगा। कछुआ तैयार हो गया। इस रेस को देखने के लिए सभी जंगली जानवर वहां उपस्थित हुए।
रेस में एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी तक जाना था। दोनों की रेस शुरू हुई खरगोश तेजी से दौड़ा और कुछ हुआ धीरे धीरे चल दिया। खरगोश जब आधे रास्ते पर पहुंचा वह पीछे मुड़कर कछुए को देखने लगा। पर उसे कछुआ दूर-दूर तक नजर नहीं आया तो वह सोचा चलो थोड़ी देर आराम कर लेता हूं। कछुआ इतनी जल्दी आने वाला नहीं है। यह सोचकर वह आराम करने लगा।
तभी उसे नींद आ गई और वह वहीं पेड़ के नीचे सो गया। कछुआ आया और धीरे से आगे की ओर चला गया। धीरे-धीरे वह एक पहाड़ी से दूसरे पहाड़ी तक पहुंच गया। खरगोश की जब नींद खुली तो वह दौड़ता हुआ भागा जब वहवहां पहुंचा तो कछुआ पहले से ही वहां पहुंच चुका था। और सभी जंगली जानवर उसकी जीत की घोषणा कर चुके थे। खरगोश यह सब देख कर कछुए से माफी मांगी और बोला यह दौड़ आप जीत गए। अब से मैं आपको कभी परेशान नहीं करूंगा। कृपया कछुआ भाई मुझे माफ कर दीजिए।
शिक्षा.........
1. कभी घमंड नहीं करना चाहिए
2. आप का घमंड आपको शर्मिंदा कर सकता है।
5. बंदर और दो बिल्लियां - Top 10 moral Story
एक गांव में दो बिल्ली आ जाती थी एक दिन दोनों ने एक रोटी पाई। दोनों ने रोटी के दो टुकड़े किए और एक-एक टुकड़े ले लिए। तब एक बिल्ली बोली लगता है तुम्हारा टुकड़ा ज्यादा है। दूसरी बिल्ली बोली नहीं लगता है तुम्हारा टुकड़ा ज्यादा है। तुम यह टुकड़ा ले लो और अपना मुझे दे दो अब पहली बिल्ली बोली चल हट मैं तुम्हें अपने टुकड़े में से क्यों दूं।
और दोनों में बहस लग गई। वहीं पेड़ के ऊपर बैठा एक बंदर सब देख रहा था। वाह नीचे आया और बोला लाओ मैं तुम दोनों का सुलह कर देता हूं बंदर कहीं से जाकर एक तराजू ले आया। और दोनों रोटी को एक एक तरफ रख दिया। जिस ओर का पलड़ा भारी होता उस तरफ की रोटी तोड़ कर बंदर खाया था।
इसी तरह कभी इस तरह का कभी उस तरफ का तोड़ तोड़ के बंदर रोटी खाने लगा। जब रोटी थोड़ी सी बची तब दोनों बिल्लियां यहां सब देख कर बोली रहने दो बंदर भाई जो है चाहे हम वही खा लेंगे। इस पर बंदर बोला मैं तुम लोगों के लिए इतनी देर से मेहनत कर रहा हूं। तो क्या तुम दोनों मुझे इतनी सी भी रोटी नहीं खाने दोगी। यह कह कर अंदर बची हुई रोटी खा गया। दोनों बिल्ली देखती रह गई।
शिक्षा.........
1. दूसरों से सहायता मांगने से पहले अपनी समस्याओं का समाधान खुद करना चाहिए।
2. आपस में नहीं लड़ना चाहिए नहीं तो तीसरा फायदा जरूर उठाए
6. बूढ़ा आदमी - hindi stories short with moral
एक बूढ़ा आदमी था जो आपने दो पोटो के साथ रहता था। पोगो और गोकू एक दिन जब वह बाहर जा रहे थे। तो बूढ़ा आदमी बोला बच्चों दरवाजे से बाहर मत जाओ। इस पर दोनों बोले दादाजी कितने डरपोक हैं। और दोनों हंसने लगे और एक बोला जब दादाजी गुस्सा करते हैं तो उनके कान को देखकर हमें बहुत हंसी आती है। उनके कान कैसे चिमटे की तरह है। कटे पीते और भद्दे दिखते हैं।
एक दिन बूढ़ा आदमी उन दोनों को लेकर बाजार गया। वहां पर वह टमाटर ले रहा था। वह बूढ़ा आदमी टमाटर वाले से पूछा कितना हुआ इस टमाटर का इस पर टमाटर वाला बोला आप हमेशा हमारे पास आते हैं। जो ठीक लगे दे दे तभी दोनों पोते हंस पड़े। इस पर दुकानदार ने पूछा कि तुम दोनों क्यों हंस रहे हो। उन्होंने बोला कुछ नहीं अंकल जी।
इस पर दुकानदार ने बोला तुम अपने दादाजी पर हंस रहे हो। बूढ़ा व्यक्ति बोला जाने दो बच्चे हैं। दुकानदार बोला नहीं अब यह बच्चे नहीं हैं उन्हें भी पता होना चाहिए कि आपके कान ऐसे क्यों हैं। यह तुम दोनों की जान बचाने में हुआ है। एक दिन तुम्हारे घर पर शेर ने हमला कर दिया उसी से तुम दोनों की जान बचाते बचाते उन्हें कान पर चोट आई है। अब हंसो इनके कानों को देखकर हमें किसी के शरीर की बनावट को देख कर नहीं हंसना चाहिए। पता नहीं उसके साथ क्या हुआ था।
शिक्षा :- हमें किसी की बनावट देखकर नहीं हंसना चाहिए।
7. गौतम बुद्ध और हाथी - hindi moral stories
एक राजा के पास कई हाथी थे पर उनमें से एक हाथी बहुत शक्तिशाली आज्ञाकारी और युद्ध कौशल में निपुण था। बहुत सारे युद्ध में वह राजा के साथ था। इसलिए वह राजा का सबसे पसंदीदा हाथी था। धीरे-धीरे समय बीतता गया और वह वृद्ध दिखने लगा। वह पहले की तरह कार्य या युद्ध नहीं कर पाता था। इसलिए राजा भी उसे युद्ध में नहीं भेजते थे। एक दिन वह सरवर में जल पीने गया। तो उसका पैर वहीं पर धस गया।
और फिर धसता ही चला गया उसने बहुत कोशिश की पर स्वयं को उस कीचड़ से नहीं निकाल पाया। उसके आवाज से लोगों को यह तो पता चल गया कि हाथी संकट में है। हाथी के फसने का समाचार राजा तक पहुंचा। राजा के साथ कई लोग वहां पर इकट्ठा हुए। और बहुत प्रकार के प्रयत्न हाथी को निकालने के लिए करने लगे परंतु काफी देर तक प्रयास करने के बाद कोई सही मार्ग नहीं मिला। तभी गौतम बुद्ध मार्ग भ्रमण करते हुए वहीं आ गए। राजा समेत इकट्ठे सभी लोग ने गौतम बुद्ध से अनुरोध किया कि आप ही से निकालने का मार्ग हमें दिखाइए।
गौतम बुद्ध ने हाथी के बारे में जानकारी ली और घटनास्थल का निरीक्षण किया। और राजा से बोले इसके चारों तरफ युद्ध के नगाड़े बजाए जाए। लोगों को विचित्र लगा की नगाड़े बजाने से वह फंसा हुआ हाथी बाहर कैसे निकलेगा। जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने लगे। वैसे ही उस हाथी के हाव भाव में परिवर्तन आने लगा वह खुद ही कोशिश करके खड़ा हुआ और जोश के साथ कोशिश करके बाहर आ गया। गौतम बुद्ध ने सबके सामने सिद्ध किया कि उसके शारीरिक क्षमता में कोई कमी नहीं है। आ सकता मात्र उसके उत्साह संचारित करने की थी। जिंदगी में सकारात्मक सोच बनाए रखें।
शिक्षा :- निराशा को हावी ना होने दें। सकारात्मक सोच बनाए रखें
8. फांसी की सजा - hindi moral story
एक बार की बात है यूनान के सम्राट किसी बात पर अपने वजीर से नाराज हो गए। नाराजगी में उन्होंने वजीर के फांसी का ऐलान कर दिया। फांसी का समय शाम को 6:00 बजे रखा गया। फांसी की सजा दिए जाते समय वजीर वहां उपस्थित नहीं था। सम्राट ने सैनिकों से कहा जाओ बता दो उसे शाम को 6:00 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा।
सम्राट का आदेश पर सैनिक की एक टुकड़ी वजीर के घर पहुंचे और उसके घर को चारों तरफ से घेर लिया। कुछ सैनिक घर के अंदर गए। और देखा वहां पर जश्न का माहौल है। उस दिन वजीर का जन्मदिन था। उसके घर रिश्तेदारों की चहल पहल थी। कुल मिलाकर वहां का माहौल खुशनुमा था। सैनिकों ने भरी महफिल में ऐलान कर वजीर के फांसी की सजा को बताया।
और यह भी बताया कि फांसी शाम को 6:00 बजे दी जाएगी। यह सुन हर शख्स हैरान रह गया। तुरंत संगीत और नाच गाना बंद कर दिया गया। घर वाले रिश्तेदार और दोस्त उदास हो गए। चारों तरफ शांति का माहौल था। तब वजीर बोला भगवान का लाख-लाख शुक्रिया है। कि उन्होंने हमें शाम 6:00 बजे तक का वक्त दिया है।
तब तक हम सब जश्न बना सकते हैं। दोस्तों रिश्तेदारों ने कहा तुम्हें फांसी की सजा सुनाई गई है और तुम जश्न मनाने की बात कर रहे हो। वजीर ने किसी तरह सबको समझाया और फिर से जश्न शुरू करवाया। दोस्त तो उदास थे पर वजीर की खुशी के खातिर जश्न में शामिल हो गए। यह खबर सैनिकों द्वारा सम्राट तक पहुंचाई गई। सम्राट पूरा माजरा जानने वजीर के घर पहुंचे। वहां पहुंचकर जब उसने सबको जश्न मनाते हुए देखा तो वह भी दंग रह गया।
उसने वजीर से कहा तुम पागल हो गए हो शाम 6:00 बजे तुम्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा। और तुम जश्न मना रहे हो। वजीर बड़े आदर पूर्वक बोला महाराज आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने फांसी का समय शाम 6:00 बजे तय किया। इसलिए हमें शाम 6:00 बजे तक का वक्त मिल सका अगर आप हमें वक्त ना देते तो हम जश्न कैसे बना सकते थे।
फांसी पर लटकने से पहले हमारे पास शाम तक का वक्त है। मैं इसे क्यों बर्बाद करूं मेरे पास जो भी वक्त है खुशी खुशी गुजारना चाहता हूं। इस बात को सुनकर सम्राट ने वजीर को गले लगा लिया और कहा जिसे वक्त की कदर है। जो जिंदगी का हर लम्हा खुशी-खुशी बिताना चाहता है। उसे मौत कैसे दी जा सकती है। उसे जीने का पूरा हक है। तुम्हारी बातों ने हमें खुश कर दिया और तुम्हारी फांसी की सजा माफ की जाती है।
शिक्षा :- मुश्किलों से हारे नहीं उसका सामना करें। और वक्त की कदर करें।
9. पाप और पुण्य का हिसाब - Top 10 moral Stories in hindi
एक बार की बात है भगवान ने नारद जी से आप तो हमेशा घूमते रहते हैं। इसलिए आप ऐसी घटना बताइए जिससे आप हैरान हो गए हैं। नारद जी बोले प्रभु एक बार की बात है एक गाय जंगल में दलदल में फंसी थी। तभी वहां घूमता हुआ एक चोर आया और गाय को फंसा देखकर उसे निकालने की कोशिश नहीं की बल्कि उसके ऊपर से पैर रख दलदल को पार कर आगे बढ़ा तब उसे सोने की सिक्के मिले।
और वहीं पर एक साधु आया और गाय को फंसा देखकर वह गाय को निकालने का पूरा प्रयास किया और गाय को बाहर निकाला और जब वह कुछ आगे बढ़ा तो वह एक गड्ढे में गिर गया। ऐसा क्यों हुआ प्रभु जिसने ने की किया वह गड्ढे में गिरा और जो पाप किया उसे सोने के सिक्के मिले। तब भगवान भोले उस चोर के भाग में खजाना लिखा था पर उसके कर्म के कारण सिर्फ कुछ सोने के सिक्के मिले।
और उस साधु की मृत्यु होने वाली थी जो कि गाय को बचाने से उसके पुण्य बढ़ गए इसीलिए वह सिर्फ गड्ढे में गिरा और थोड़ी बहुत चोट लगी। इंसान के कार्य ही उसका भाग्य तय करते हैं। इसलिए इंसान को अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।
शिक्षा :- हमारे आज के काम ही है हमारे कल को तय करते हैं। इसलिए अच्छे काम करते रहना चाहिए।
10. चिड़िया ने सुखाया समुंद्र - Top 10 moral Story in hindi
एक गौरैया थी वह समुद्र के किनारे एक गड्ढे में घोंसला बनाकर रहती थी वहां उस गौरैया ने दो अंडे दिए। सुबह होने पर वह गौरैया अपने अंडों को छोड़कर दाना चुगने चली गई। और जब शाम को आई तो उसने देखा उसके घोसले में अंडा नहीं था। गौरैया समुंद्र से बोली समुंद्र भाई क्या तुमने मेरे अंडे देखे हैं। समुंद्र अहंकार पूर्वक बोला मैं नहीं जानता तुम्हारे अंडे कहां है।
इस प्रकार या ने बोला तुम्हारे सिवा यहां कोई नहीं है। तूने ही मेरे अंडे चुराए हैं।मेरे अंडे दे दो नहीं तो मैं तुम्हें सुखा दूंगी। यह सुनकर समुंद्र हंसने लगा गौरैया कुछ देर तक समुद्र को घूरती रही पर समुंदर को कोई फर्क नहीं पड़ा। इस पर गौरैया ने संकल्प लिया कि मैं तुम्हें सुखा दूंगी। ऐसा कह कर गया अपने छोटे से मुंह से पानी उठाती और एक तरफ ले जाकर गिराती।
इसी प्रकार पूरा दिन बीत गया शाम को उसके दोस्त आए और उसे ऐसा करते देखा तो पूछा पर गोरेया गुस्से में थी। गौरैया के दोस्तों ने समझाया कि भला समुंद्र को कौन सुखा सकता है। पर वह नहीं मानी और अपने काम में लग गई। गौरैया के दोस्तों ने ऐसा करते देखा तो वह पक्षीराज गरुड़ के पास पहुंची। और उन्हें पूरी कहानी सुनाई गरुड़ राज उनके साथ वहां आए और गौरैया से बोले अगर तुम बुरा ना मानो तो मैं तुम्हारी सहायता कर दूं।
गौरैया गुस्से में थी। उसने कहा यह मेरा संकल्प है इसे मैं ही पूरा करूंगी मुझे किसी की सहायता की आवश्यकता नहीं है। और अपने काम में लग गई यह देखकर गरुड़ देवता तुरंत भगवान विष्णु के पास पहुंचे । और उन्हें पूरी बात बताई जब विष्णु भगवान ने देखा। गौरैया इस काम के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उसकी लगन को देखकर भगवान विष्णु ने समुंद्र से कहा तुम पीछे हट जाओ।
और उसका अंडा दे दो तब समुंद्र पीछे हट गया और गौरैया ने अपना अंडा ले लिया। अंडा लेने के बाद गौरैया समुद्र से बोली देखा मैंने तुम्हें सुखा दीया।
शिक्षा :- कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता अगर निश्चय कर ले तो असंभव काम भी भगवान की दया से संभव हो जाता है।
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हमारी top 10 moral Stories in hindi पढ़ कर मजा आया होगा।
ये कहानियाँ बच्चों के लिए हैं और इसमें ज्ञान के शब्द लिखे हैं। ये लघु कथाएँ बच्चों के साथ-साथ सभी के लिए उपयोगी होंगी। यह moral Stories बचपन की याद दिलाती हैं।
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